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अन्न संकेतों से आभास नारी हूँ सीता नीर वायु भूल है हमारी मातृभूमि बढ़ रहा ताप धैर्य पोषण संरक्षण सुखमय सवारी कर्मभूमि सामूहिक तैयारी धरा प्रकृति हमको चेताती अस्तित्व पर भारी साॅंस संसार

Hindi विषैली वायु-नीर-धरा Poems